अन्ना ने अक्टूबर में जनलोकपाल कानून के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन करने का निर्णय लिया |
राष्ट्रपति
पद के चुनाव प्रसंग पर विरोध के होते हुए भी आप की सरकार बहुमत हासिल कर
सकती हैं। एफडीआई का विरोध होते हुए भी बहुमत प्राप्त कर सकती है, वैसे ही
भ्रष्टाचार को रोकने वाले जनलोकपाल कानून के लिए बहुमत प्राप्त करना सरकार
के लिए असंभव नहीं था। दो साल हो जाने पर भी जनलोकपाल बिल पास नहीं हुआ।
इसका स्पष्ट अर्थ निकलता है कि, सरकार ने 120 करोड जनता और अण्णा हजारे के
साथ धोखाधड़ी की है।
आपने मुझे
जो झुठा आश्वासन दे कर मेरा अनशन तुड़वाया था, वह मेरा अधूरा अनशन फिर से
उसी रामलीला मैदान पर शुरू करने का निर्णय मैंने लिया है। क्योंकि
भ्रष्टाचार के कारण जनता कितनी त्रस्त है इसका अंदाजा हमेशा एयरकंडीशन में
बैठने वालों को नहीं हो पाएगा। भ्रष्टाचार के कारण महंगाई ने चरमसीमा पार
कर ली है। अपने परिवार को पालनेवाले आम लोगों के दुख और तकलीफ को आप और
आपकी सरकार नहीं समझ रही हैं। न महसूस करती हैं।
इसलिए मजबूर हो
कर मैं इस निर्णय पर आ गया हूं कि जब तक शरीर में प्राण हैं तब तक मै
जनलोकपाल कानून के लिए रामलीला मैदान में अनशन पर बैठा रहूंगा। जनता का दुख
अब मुझसे नहीं सहा जाता। मैंने अपना जीवन ही उनके भलाई के लिए समर्पित
किया है। कुछ ही दिनों में मैं अक्टूबर में होने वाले मेरे अनशन की तारीख
निश्चित कर के आपको बताऊंगा।
अण्णा हजारे
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