श्री मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड
मेकर्स चैम्बर्स - IV
नरीमन पाइंट,
मुंबई - 400021
श्री मुकेश अंबानी जी,
अभी हाल ही में आपने देश के सभी टी.वी. चैनलों को मानहानि का नोटिस भेजा
है। इनका जुर्म यह है कि इन्होंने 31 अक्टूबर, 2012 और 9 नवम्बर, 2012 को
मेरी और प्रशांत भूषण की प्रेस कांफ्रेंस का सीधा प्रसारण किया था। हमने
अपनी
प्रेस कांफ्रेंस में देश के लोगों को बताया था कि किस तरह से आपने
गैरकानूनी तरीके से सरकार पर दबाव डालकर गैस के दाम बढ़वाए। हमने लोगों को
यह भी बताया कि आपके, आपके साथियों के और आपकी कंपनियों के स्विस बैंक में
खाते हैं जिनमें
कालाधन जमा किया गया था। हमारे इस खुलासे का कई टी.वी. चैनलों ने सीध
प्रसारण किया। आपने इन सभी टी.वी. चैनलों को मानहानि का नोटिस भेजा है।
मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मेरी और प्रशांत भूषण की कही गई बातों से
यदि आपकी मानहानि हुई है तो इसके सबसे बड़े दोषी तो मैं और प्रशांत भूषण
हैं। नोटिस भेजना ही था तो आपको हमें भेजना चाहिए था। टी.वी. चैनलों ने तो
केवल उसका
प्रसारण ही किया था। फिर भी आपने हमें नोटिस न भेजकर टी.वी. चैनलों को
नोटिस भेजा है। इससे जाहिर है कि आपका मकसद केवल टी.वी. चैनलों पर दबाव
बनाने का है।
देश की जनता आपसे कुछ सीधे सवाल पूछना चाहती है। भारत सरकार को स्विस बैंको
में खातेदारों की जो लिस्ट मिली है, क्या ये सच नहीं है कि आपका, आपके
रिश्तेदारों का, आपके दोस्तों का और आपकी कंपनियों का उनमें नाम है? क्या
यह सच नहीं है कि इस
लिस्ट में आपके नाम पर सौ करोड़ रुपये जमा दिखाए गए हैं? क्या ये सच नहीं
है कि आपने इस पैसे पर टैक्स जमा कर दिया है? इससे यह साबित होता है कि
आपने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। कानून के मुताबिक अब आप पर मुकदमा चलना
चाहिए और यदि टैक्स की
चोरी साबित होती है तो आपको जेल होनी चाहिए।
लेकिन ऐसा नहीं होगा। क्यों? क्योंकि सरकार आपसे डरती है। आपने खुद ही कहा
है कि कांग्रेस पार्टी तो आपकी दुकान है। आपने सच ही कहा था। मीडिया में
छपी कुछ खबरों के मुताबिक सोनिया गाँधी जी आपके निजी हवाई जहाज से यात्रा
करती हैं।
लोगों का मानना है कि श्री जयपाल रेडडी का मंत्रालय भी आप ही के दबाव में
बदला गया था।
केवल कांग्रेस ही क्यों? भाजपा और अन्य पार्टियां भी आपकी दुकान हैं। पहले
तो आडवाणी जी स्विस बैंकों के खातों के बारे में खूब आवाज़ उठाते थे लेकिन
जब से आपके खाते निकलकर सामने आए तो सारी भाजपा बिल्कुल चुप हो गई। आपके
खातों के बारे
में भाजपा ने संसद में एक शब्द भी नहीं बोला।
ऐसा लगता है कि सभी पार्टियां आपसे डरती हैं। सभी नेता आपसे डरते हैं।
लेकिन इस देश की जनता आपसे नहीं डरती। सारी पार्टियां आपकी दुकान हो सकती
हैं। लेकिन भारत आपकी दुकान नहीं है। भारत हमारा है, इस देश के लोगों का
है। आप अपने पैसे से
पार्टियों को खरीद सकते हैं, नेताओं को खरीद सकते हैं लेकिन भारत को हम
बिकने नहीं देंगे।
आपका कहना है कि हमारे द्वारा कही गई बातों का सीधा प्रसारण करने से टी.वी.
चैनलों ने आपकी मानहानि की। आप सोचकर देखिए कि आपकी मानहानि मैंने,
प्रशांत भूषण और टी.वी. चैनलों ने की है या आपने अपनी मानहानि खुद अपने
कर्मों से की है?
1. 2002 में आपने सरकार से ''फुल मोबिलिटी लेने के लिए प्रमोद महाजन को
रिश्वत दी। 55 रुपये प्रति शेयर के भाव वाले एक करोड़ शेयर आपने प्रमोद
महाजन को 1 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से दे दिए। ये तो सीधी रिश्वत थी।
जब आप पकड़े गए तो आपने
शेयर वापस ले लिए। मामला अभी कोर्ट में है। क्या ऐसा करने से आपकी मानहानि
नहीं हुई?
2. आपने अपना बहुमंजिला मकान 'वक्फ' के ज़मीन पर बनाया है। इस ज़मीन पर
अनाथालय बनना था। गरीब और अनाथ मुस्लिम बच्चों के हक को छीना है आपने। क्या
ऐसा करने से आपकी मानहानि नहीं हुई?
3. सन 2000 में आपको देश के गैस के कुछ कुएं दिए गए। आपकी जिम्मेदारी थी
कि आप इसमें से गैस निकाल कर भारत सरकार को दें। गैस हमारी थी, इस देश के
लोगों की। हम उस गैस के मालिक हैं। आपकी हैसियत केवल एक ठेकेदार की थी।
आपको गैस के कुएं केवल गैस
निकालने के लिए दिए गए थे। लेकिन आप चतुराई से मालिक बन बैठें। सरकार को
आपने गैस 'बेचनी' चालू कर दी। सरकार पर दबाव डालकर आपने गैस के दाम बढ़ाने
चालू कर दिए। चूंकि कांग्रेस आपकी दुकान है तो कांग्रेस पार्टी हमेशा आपकी
दादागिरी के
सामने झुकती नज़र आई। अकसर आपके दबाव में कांग्रेस गैस के दाम बढ़ाती गई और
देश के लोग हाहाकार करते रहे। आपकी वजह से बिजली, खाद और रसोईगैस महंगी
होती गई। लेकिन जब पानी सर से ऊपर हो गया तो श्री जयपाल रेडडी जी ने आपका
विरोध् किया।
उस समय श्री जयपाल रेडडी देश के तेल मंत्री थे। उन्होंने आपके दबाव में न
आकर गैस के दाम और बढ़ाने से मना कर दिया। आपने श्री जयपाल रेडडी जी का ही
तबादला करा दिया। आपकी हरकतों की वजह से देश में कई वस्तुएं महंगी हो रही
हैं और जनता कराह
रही है। क्या यह सब हरकतें आपको शोभा देती हैं? क्या इन हरकतों से आपकी
मानहानि नहीं होती?
इस किस्म के आपके बेइमानी के कामों की लिस्ट बहुत लंबी है।
इस देश के अधिकतर व्यवसायी, कारोबारी, उद्योगपति ईमानदारी स े
काम करना चाहते हैं। लेकिन आज की व्यवस्था उन्हें बेइमानी करने पर मजबूर
करती है। पर आपके जैसे उद्योगपति जब खुलेआम व्यवस्था का दुरुपयोग अपने
फायदे के लिए करते हैं
तो इससे सारे उद्योग और व्यवसाय पर काला धब्बा लगता है।
एक तरफ आप हैं, आपके पास पैसा है। दूसरी तरफ इस देश की जनता है। जनता अब
जाग गई है। जनता के अंदर जुनून है। इतिहास गवाह है कि जब-जब पैसे और जुनून
के बीच लड़ाई हुई है तो हमेशा जुनून जीता है।
मेरा आपसे निवेदन है कि देश के मीडिया को धमकाने की कोशिश न करें। मीडिया
में चंद लोग ऐसे हो सकते हैं जिन्होंने खुद गलत काम किए हों। ऐसे
मीडियाकर्मी शायद आपके दबाव में आ जाएं। लेकिन आज भी अधिकांश पत्रकार देश
के लिए काम करते हैं। वो
आपके दबाव में नहीं आने वाले। इतिहास गवाह है कि जब-जब देश की न्यायपालिका,
कार्यपालिका और विधायिका चरमराती नज़र आई तो, ऐसे ही पत्रकारों ने
लोकतंत्र को जिंदा रखा। कुछ ऐसे मीडिया घराने हैं जिनमें सीधे या परोक्ष
रूप से आपका पैसा
लगा है। हो सकता है ऐसे घराने आपके दबाव में आ जाएं, पर इन घरानों में काम
करने वाले पत्रकार आपके दबाव में नहीं आने वाले।
आपका क्या सपना है? क्या आप बेइमानी से दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति बनना
चाहते हैं? मान लीजिए आप इस देश की सारी दौलत के मालिक बन जाए। क्या इससे
आपको खुशी मिलेगी? खुशी अधिक से अधिक धन अर्जित करने से नहीं मिलती।
बल्कि त्याग करने
से मिलती है। आज आप एक ऐसे मुकाम पर खड़े हैं कि यदि आप बेइमानी से व्यवसाय
करना छोड़ दें और अपनी सारी दौलत देश के लोगों के विकास में लगा दें तो यह
देश आपको कभी नहीं भूलेगा।
(अरविंद केजरीवाल)
------------------------------ ------------------------------ ------------------------------ ----------------------
(Please find below English Translation of the letter. The letter was originally written in Hindi.)
Dear Mr Mukesh Ambani,
You have recently sent a defamation notice to a number of TV channels.
Their “crime” is that they aired the press conference held on the 31st October 2012 and 9th November
2012, by Prashant Bhushan and me, live. In our press conference, we
presented before the country how you had illegally pressurized the
government into increasing gas prices. We also told the country that
your associates and your companies have accounts in Swiss banks where
black money had been stashed away. Many TV channels aired our expose
live. All these TV channels
have now received defamation notices from you.
I find it quite perplexing. If you felt that you have been defamed by
what Prashant Bhushan and I said, then we are the real culprits and, if
you had to send a defamation notice, it should have been to us. The TV
channels merely broadcast what we said. Despite this, instead of sending
us the defamation notice, you have sent it to the TV channels. It is
evident that your sole purpose of sending this notice was to steamroll
the TV channels into subservience.
The people of India want to ask you some straight questions:
· Is it not true that the list of those who have accounts in
Swiss Banks, as received by the Government of India, includes your name
and the names of your relatives, your friends and your companies?
· Is it not true that a balance of Rs. 100 crores is shown against your name in this list?
· Is it not true that you have paid the tax on this amount after this list was received by the Government?
If the above is true, as we suspect it is, it proves that you have
admitted your guilt. As per the law of the land, you should be tried
and, if the charge of tax evasion is proved, you should be sent to
jail.
However, this would never happen. Why? Because the Government of India
is intimidated by you. You have been reported as saying that the
Congress Party has been bought by you – it is your dukaan, to be
precise. You are right. according to some media reports, Mrs. Sonia
Gandhi sometimes travels by your personal aircraft. People believe that
Mr. Jaipal Reddy’s ministry was also changed because of your influence.
Why only the Congress? Even BJP and many other parties are in your
pocket. Earlier, Mr. Advani used to make a lot of noise about Swiss Bank
accounts, but since your accounts have been exposed, BJP has suddenly
gone quiet. BJP has not mentioned a single word in the Parliament about
your accounts.
It appears that almost all parties are afraid of you. Most leaders are
scared of you, too. However, the citizens of this country are not scared
of you. All parties could be your dukaan but India is not up for
sale. India is ours, it belongs to the people of this country. You can
purchase political parties and political leaders with your money but we
will not let India be sold.
You say that the TV channels have tainted your reputation by airing our
press conference live. That's wrong. I would urge you to answer this
question honestly - Did Prashant Bhushan, myself and the TV Channels
defame you or did you defame yourself through your own misdeeds?
1. In 2002, you gave 1 Crore shares with a market price of Rs. 55 per
share to Mr. Pramod Mahajan at just Rs. 1 per share. This was a straight
bribe to get “Full Mobility”. When you were caught, you took back the
shares. Presently, the matter is In court. Didn't you defame yourself by doing this?
2. You have made your multistoreyed residence on Wakf land. This land
had been set aside for an orphanage. You have stolen the right of poor
and orphaned Muslim children. Didn't you defame yourself by doing this?
3. A few gas wells belonging to the Country were allotted to you in
2000. You were supposed to extract gas and give it to the government.
The gas belongs to us, the people of India. We are the owners of this
gas. You were only a contractor appointed to extract the gas. However,
cleverly you became the owner of the gas. You started "selling" the gas
to the government.
Because the Congress is in your pocket, it always bowed before your
bullying. The Congress kept increasing the price of gas under your
pressure and the nation kept wailing. Because of you, the prices of
electricity, fertilizer and cooking gas kept rising. When it crossed all
limits, Mr. Jaipal Reddy opposed you. He was the Minister for Oil and
Gas at that time. You got Mr. Jaipal Reddy transferred. Because of you
many things have become increasingly expensive in India and the people
are groaning under the load of these high prices. Do these shenanigans
suit you? Do such acts not defame
you?
The list of such illegal acts done by you is quite long.
The majority of the traders, businessmen and industrialists want to do
their work honestly. But the system forces them into wrongdoings. But
when a businessman like you brazenly subverts the system for his
personal benefit, the entire industry and business world gets a bad
name.
You are on one side with immense wealth. On the other side are the
people of this country. The people have now awakened. Fire is raging in
their heart. History is witness that whenever there has been a clash
between money and such rage, the rage has won.
Kindly do not try to intimidate the media of this country. There may be
some mediamen who may have done wrong things themselves. Such
media-persons may succumb to your pressure. However, the majority of
media persons keep the interest of the Country at heart even today. They
are not going to capitulate so easily. History is witness that whenever
the judiciary, bureaucracy and legislature crumbled, it is the honest
fourth pillar, comprising such media-persons that kept democracy alive.
You have invested in some media houses directly or indirectly. It is
possible that these media houses do your bidding. However, the
journalists working for such media houses will not barter their
integrity so easily.
What is your dream? Do you want to become the world's richest person
through dishonesty? Suppose you became the owner of all the wealth in
this country. Would that make you happy? Happiness does not increase by
accumulating more and more wealth. Happiness comes with sacrifice.
If you stopped doing business dishonestly and contributed your wealth
for the development of the nation, this country will remember you with
pride forever.
With regards,
Arvind Kejriwal
No comments :
Post a Comment
Thank you for your comments.