आखिरकार राजनीतिक नूराकुश्ती सामने आ ही गयी । जैसा की मैंने पहले कहा की राजनीतिक दल जनता की नहीं बल्कि अपना ही फायदा देखते हैं और ये तो अब और भी स्पष्ट ह गया । मुलायम सिंह यादव की गीदड़ भभकी सामने आ गयी और ममता बनर्जी हर बार की तरह फिर लौट के उसी रास्ते पे आ गयी । ऐसा लगता है की ये राजनीतिक नाटक पहले से ही तय था, क्रिकेट की भाषा में कहें तो फ़िक्स था । कांग्रेस को अपनी image सुधारनी थी, मुलायम सिंह और ममता बनर्जी को विरोध का नाटक करना था । कहीं न कहीं कांग्रेस और इनसे पहले ही बात हो चुकी थी और सारे नाटक की रुपरेखा पहले से ही लिखी जा चुकी थी, तभी तो कांग्रेस इतना confident थी । अचानक कांग्रेस में इतनी हिम्मत कहाँ से आ गयी? जो कांग्रेस पहले गठबंधन की मज़बूरी में निर्णय न ले पाने का रोना रोती थी, आज वो देशहित में शहीद हो जाने की बात कर रही है। सवाल ये उठता है की क्या पहले देशहित की प्राथमिकता कांग्रेस को नहीं थी? ये अपने आप में ही स्पष्ट है की इनको किसी तरह से सत्ता में काबिज़ रहना है।
घोटाले तो करते ही ही हैं उपर से जनता का मजाक भी उड़ाते हैं की वो सब भूल जाती है, चुनाव आने दे शिंदे जी जनता बता देगी की वो क्या क्या याद रखती है । ये उसी देश की जनता है जिसने इंदिरा गाँधी को भी औकात दिखा दी थी फिर तो आप कहीं टिकते ही नहीं। इतना आत्मविश्वास न दिखाए की खुद की गर्दन कट जाये । इन्सान को उसके किये की सज़ा किसी न किसी रूप में मिल ही जाता है । आप बोफ़ोर्स को भूलने की बात करते हैं, ज़रा याद कर लें की राजीव गाँधी बोफ़ोर्स घोटाले कर के कितने दिन जी पाए । ये अलग बात है की उनकी मौत का बोफ़ोर्स घोटाले से कोई लेना देना नहीं है लेकिन न्याय तो किसी न किसी रूप में होता ही है। सारे पाप जब इकठ्ठे होते हैं तो उसकी परिणिति सामने आ ही जाती है । सच ही कहा गया है की:
"One can not conceal the result of the mistakes which has been made ever."
अगर किताब के पन्ने पलटेंगे तो सबकुछ सामने आ जाता है।
इन नेताओं की नज़र में जनता की यही औक़ात है, लेकिन भोली जनता फिर भी इन्हें माफ़ करती रहती है। जनता को अब अपनी ताक़त शिंदे जैसे देश का गद्दारों को दिखानी होगी। शिंदे जी अपने हाथ धो के कोयले की कालिख को साफ़ करना चाहते थे, उनके मन में तो था ही कि उनके हाथ कोयले से रंगे है। वो जनता को गुमराह करते की इससे पहले उनकी असलियत सामने आ गयी, प्रधानमंत्री को शिंदे जी ने अपने चहेते को कोयला आवंटन के लिए सिफ़ारिस की थी। दूसरी तरफ कोयला मंत्री जी अपने भाई की कंपनी को कोयला बाँट रहे थे। इस कोयले में सभी काले हैं।
देशवासियों जागो और अपनी ताक़त दिखाओ जिसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, बोस जैसे लोगों ने अपना खून देके आपको दिया है। अपनी आत्मा को जगाओ और आने वाली पीढ़ी को उनके सपनों का भारत सौंपो, ज़्यादा से ज़्यादा देश को दें और दूसरों को प्रोत्साहित करें। वोट ज़रूर दे इससे देश की सरकार में आपकी हिस्सेदारी होती है।
जय हिंद, जय भारत।।
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